वानी

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ये मनहूस कौन है

चैप्टर 7

               ये मनहूस कौन है

अब तक आपने पढ़ा श्रेया साबित करती है की राहुल बेकसूर है और बाहर आ जाति है महेंद्र उससे कहता है की वो इस बेइजति का बदला जरूर लेगा तभी श्रेया एक लड़के को देख कहती है रिहान


अब आगे

महेंद्र वहां से चला जाता है , उसे देख रिहान बोलता है "ये मनहूस कौन है" उसकी बात सून श्रेया थोड़ा सख्त लहजे में कहती "रिहान बिहेव" रिहान बोला सॉर्री प्रिंसेस देन ही सेड "ये भाईसाहब कौन है"

(आइये इनसे मिलते हैं ये है "रिहान सचदेवा" इनके पिता जी "रंधीर सचदेवा"  "डी एस पी है दिल्ली में" इनकी माँ नहीं है उनकी डेथ जब ये 4 साल के थे तभी हो गयी थी इनकी माँ ने मरते वक़्त इन्हें बहलाने के लिए कह दिया था कि "इनकी जिंदगी में एक दिन एक प्रिंसेस आएगी जो इन्हें बहुत प्यार करेगी "रिहान उस बात को सच मानकर प्रिंसेस का इंतजार करने लगा उसकी माँ के डेथ के 6 मंतस् बाद उसके पिता ने दुसरी शादी कर ली दुसरी माँ का नाम गीता सचदेव "रिहान की अपनी माँ से नहीं बनती है जब वो 6 साल का हुआ उसकी दोस्ती राहुल से हुई" श्रेया जब भी स्कूल आती वो रिहान से भी मिलती "श्रेया का प्यार उसकी ममता रिहान को उसके पास लाती गयी एक बार रिहान की तबियत बहुत ज्यादा खराब थी तब श्रेया ने उसकी देखभाल की 1 हफ्ते तक उसे अपने पास रखा "रिहान के पापा काम में बहुत व्यस्त रहते हैं तो उनहोंने भी कूछ नही कहा "लेकिन तबसे वो श्रेया को बहुत मानते हैं और उसकी बहुत इज़्ज़त करते हैं" "तभी से रिहान श्रेया को प्रिंसेस कहता है श्रेया ने उससे एक बार पूछा भी था कि क्यों वो उसे प्रिंसेस 👸 कहता है तो उसने कहा माँ ने कहा था एक दिन एक 👸 प्रिंसेस आएगी जो मुझे बहुत प्यार करेगी आप वही है इसलिए" और आज तक वो उसे प्रिंसेस ही कहता है")

तब राहुल कहता है "गुंजन का भाई और अब तक जो भी हुआ उसे सब बता देता है उसकी बात सून रिहान एकदम शोकड  हो जाता है फिर श्रेया को देख कर कहता है "तुम्हारा नाम प्रिंसेस  नहीं डेंजर प्रिंसेस होना चाहिए"

उसकी बात सून तिनो एक दूसरे को देखते हैं फिर हसने लगते हैं श्रेया दोनों को देखती है फिर कहती है "औरत की हमेशा इज़्ज़त करो इसलिए नही की वो औरत है बल्कि इसलिए कि तुम्हारी परवरिश एक अच्छी औरत ने कि है लेकिन जो औरत इज़्ज़त के लायक ना "हो उससे दुर रहो, और फिर भी ना माने तो अपना तरीका आजमाओ लेकिन औरत पर हाथ कभी मत उठाना"

तभी दोनों ने एक साथ कहा "कभी नहीं क्योंकी हमारी मां वर्ल्ड की बेस्ट माँ है" उसके बाद श्रेया ने दोनों को 10-10 रूपये दिए और वहाँ से चली गई" उसे जाता देखते हुए रिहान कहता है "भाई एक बात कहूँ"

राहुल कहता है "जैसे मैं मना करूँगा तो तु नही बोलेगा, भौंक" रिहान कहता है प्रिंसेस के 10rs देने पर जो खुशी होती है वो तो मेरे बाप के हज़ार रुपए में भी नहीं होती माँ कितनी प्यारी होती है ना"

"राहुल उसके सर पर मारते हुए कहता है "क्लास में चल नहीं तो सर का डंडा भी बहुत प्यारा है" फिर दोनों अपनी क्लास में चले जाते हैं..


एस आम सिंघानिया कंपनी

श्रेया  कंपनी  आकर अपने काम में लग जाती है। वो काम कर रही होती है तभी वहाँ अनिल आता है और कहता है "मिस श्रेया आपको बॉस ने किसी काम से बुलाया है"

उसकी बात सून श्रेया हा में सर हिलाती है और उसके पिछे चल देती है ,25 फ्लोर पर कैबिन होता है अनील नॉक करने वाला होता है तभी उसका मोबाइल बजता  वो श्रेया को अंदर जाने के लिए कहकर कॉल अटेंड करने चला जाता है

श्रेया डोर नॉक करती है तो अंदर से एक सख्त अवाज़ आती है "कम इन" श्रेया अंदर जाती है तो सामने बैठे शक्स को देख कर वो एकदम से चौक जाती है और चीखते  हुए कहती है "तुम.....तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ तक आने की, तूम मेरा पिछा कर रहे हो"

उसकी बात सून शौर्य गूस्से में चेयर से उठते हुए कहता है "बस बहुत हुआ मैं कूछ बोल नही रहा तो क्या तुम कूछ भी बोलती जाओगी कमसेकम अपनी उम्र का तो लिहाज करो"

उसकी बात सून श्रेया भड़कते हुए कहती है, हो तूमने मुझे बूडढा  कहा तूम्हे मैं किस एंगल से बूढ़ी लगती हूँ?" ........शौर्य गुस्से में कहता है "हर एंगल से".

श्रेया " हाव डेर उ तूमने मुझे बुढा कहा मैं बस चौ".......

तभी "उसकी नजर  टेबल पर रखी फोटो पर जाती है उस तस्वीर को देख श्रेया वही जम जाती है ,उस तस्वीर में एक 13-14 साल की लड़की होती है जो कूछ पढ रही होती है और लालीपॉप  मूंह में दबा रखा होता है, जिसके कारण उसके गाल और मोटे मोटे लग रहे होते हैं और वो बहुत क्यूट लग रही होती है।

उस फोटो को देख कर कोई भी बता सकता है कि वो फोटो "किसी ने छीप कर ली है "श्रेया शौर्य को ध्यान से देखती है

उसे वो कूछ जाना पहचाना तो लगता है लेकिन वो समझ नही पा रही थी कि क्यों उसे एसा अजीब सा लगता है "उसके साथ" शौर्य की नीली आंखे उसे अपनेपन का एहसास दिलाती थी

उसे ऐसे अपने आप को घुरता  देख शौर्य थोड़ा असहज हो जाता है फिर कहता है "में कोई चिकन पीस  नहीं हु जो तुम एसे घुर रही हो"

उसको इग्नोर कर श्रेया उससे पूछती है "तुम्हारा नाम क्या है" उसका सवाल सुन वो कहता है "शौर्य सिंघानिया"

श्रेया उसका नाम सून स्तब्ध हो जाती है फिर कहती है "मैं रेसिग्नेशं लेटर मेल कर दुंगी" और वहां से जाने लगती है

तभी उसे अनील की आवाज आती है जो अंदर आते हुए कह रहा था "सर उनकी लोकेशं दिल्ली में ही पता चली है, हम जल्दी ही उनका पता लगा लेंगे" उसकी बात सून श्रेया की आंखे नम हो जाती है वो बिना पिछे मुडे़ कहती है"

"क्यों खोजता है, उसे ज़माने में"

"जो है ही नहीं, तेरी कहानी में"

"वो किस्सा तो, है तेरी जवानी का"

"पर हिस्सा नहीं, तेरी ज़िंदगानी का"

और तेज़ कदमों से वहाँ से निकल जाती है...

"श्रेया घर आ जाती है और सोफे पर सर निचे करके बैठ जाती है"

क्यों शौर्य का नाम सुनकर श्रेया शॉक हो गई? क्या मोड़ लेने वाली है कहानी? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी "एक मां ऐसी भी"

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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2 Comments

Abhilasha Deshpande

13-Aug-2023 10:26 PM

Nice part

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Gunjan Kamal

17-Jul-2023 01:45 AM

👏👌

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